महाभारत के अजीब रिश्ते (Strange Relationship In Mahabharata): महाकाव्य महाभारत में से भगवत गीता का उद्गम हुआ है, अगर भगवत गीता के बारे में आप जानते हो तो आपको पता होगा कि उसमें 1,00,000 श्लोक है और इसी कारण इसे शस्त्र संहिता भी कहा जाता है.
अब आपके मन में विचार आ रहा होगा कि आज महाभारत और भगवत गीता की बात क्यों की जा रही है? तो आपको बता दें, महाभारत में रिश्ते जिसमें छल, विश्वासघात और बदले की भावना मिलाकर और भी बहुत सारे अलग-अलग प्रकार के संबंध है |
यह रिश्ते इतने विचित्र है कि, आप जब इनके बारे में जानेंगे तो आप भी सोचते रह जाएंगे कि आखिर ऐसा कैसे मुमकिन है?, तो आइए आपको मिलवाते हैं महाभारत के कुछ ऐसे रिश्तो से |
महाभारत के अजीब रिश्ते
कृष्ण की बुआ कुंती
सबसे पहला रिश्ता है कृष्ण की बुआ कुंती, अब यहां पर जो विचित्र संबंध सामने आता है, वह है, महाराज पांडु की पत्नी और तीन पांडवों की मां कुंती | जो कि वासुदेव जी की बहन यानी कि यहां पर कृष्ण की बुआ के रूप में बन गई |
पांडवों की मां कुंती
जैसा की हम सब जानते हैं कि पांडू की दो पत्नी थी कुंती और माद्री।
कुंती ने धर्मराज से युधिष्ठिर को, इंद्र से अर्जुन को, पवन देव से भीम को जन्म दिया. जबकि माद्री ने अश्विनी कुमारों के साथ समागम करके नकुल और सहदेव को जन्म दिया, और वह आगे जाकर पांच पांडव बने |
यहां पर सोचने वाली बात यह है कि पांडु के पुत्र पांडु के नहीं थे, तो उसी तरह धृतराष्ट्र के पुत्र धृतराष्ट्र के कहां से हो गए? और अगर आपने महाभारत पढ़ी है तो आपको पता होगा कि धृतराष्ट्र का एक ही पुत्र था जिसका नाम युयुत्सु था |
द्रौपदी के पांच पति
तीसरे नंबर का संबंध जो हम बताएंगे वह है द्रौपदी के पांच पति के बारे में | महाभारत की एकमात्र स्त्री जिन्होंने 5 पुरुषों को अपना पति बनाया और सभी से उनका एक-एक पुत्र उत्पन्न हुआ, जिसका नाम था द्रौपदी | यह रिश्ता भी काफी अजीब था |
श्री कृष्ण का समधी दुर्योधन
चौथे नंबर के रिश्ते के बारे में बताते हैं श्री कृष्ण का समधी दुर्योधन | श्री कृष्ण की 8 पत्नियों में से जामवंती के पुत्र का नाम साम्भ था | दुर्योधन की पुत्री के साथ साम्भ विवाह किया था और इस तरह दुर्योधन और श्री कृष्ण का संबंध एक-दूसरे के प्रति समधी का हुआ |
धृतराष्ट्र के पुत्र
पांचवा संबंध है सौ कौरवों का | जैसे कि महाभारत में जब गांधारी को धृतराष्ट्र से कोई पुत्र नहीं हो रहा था, उस समय सत्यवती ने अपने पुत्र वेदव्यास को बुलाया और उसके कारण ही गांधारी ने गर्भधारण किया | और उनके गर्भ से 99 पुत्र एवं दु:शला नामक एक कन्या का जन्म हुआ।
यह बात आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि अगर वेदव्यास के कारण ही धृतराष्ट्र के पुत्रो का जन्म हुआ, तो धृतराष्ट्र का 99 कौरवों से क्या संबंध हुआ?
श्री कृष्ण के जीजा जी अर्जुन
छठे नंबर का संबंध है श्री कृष्ण के जीजा जी अर्जुन | भगवान श्री कृष्ण के सखा अर्जुन थे. लेकिन जब अर्जुन ने श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा से विवाह किया तो वह उनके जीजा बन गए |
सुभद्रा बलराम का संबंध
सातवें नंबर पर वत्सला के बारे में बता दे आपको | वत्सला को हम बलराम की बेटी और अभिमन्यु की पत्नी थी जो कि अर्जुन का पुत्र था | जैसे कि हमने आपको बताया, बलराम की बहन सुभद्रा अर्जुन की पत्नी थी और सुभद्रा के पुत्र अभिमन्यु ने बलराम की बेटी वत्सला से विवाह किया था |
एक और बात अगर आपको बताएं कि, अभिमन्यु का एक विवाह महाराज विराट की पुत्री उत्तरा से भी हुआ था | अब यह आप ही दिमाग पर जोर डालिए और बताइए कि सुभद्रा बलराम की क्या हो गई?
धृतराष्ट्र का बेटा
आठवें नंबर पर बताते हैं आपको युयुत्सु के बारे में जो कि धृतराष्ट्र का एक बेटा था | महाभारत में यह बात युयत्सु के बारे में जानी जाती है, कि वह वैश्य महिला का बेटा था |
दरअसल हुआ यह था कि धृतराष्ट्र के संबंध एक दासी के साथ था, जिसे युयुत्सु का जन्म हुआ |
श्री कृष्ण और इरावन का संबंध
नौवें नंबर के बारे में बताएं तो वह है श्री कृष्ण इरावन की पत्नी बने थे | इरावन नाम के अर्जुन के बेटे के बारे में आपने जरूर सुना होगा | जब इरावन ने खुद का बलिदान अपने पिता की जीत के लिए दे दिया, तो उससे पहले उसकी अंतिम इच्छा शादी करने की थी | मगर शादी के लिए कोई भी लड़की तैयार नहीं थी, कारण यह था की शादी के तुरंत बाद उसके पति को मरना था!
अब यहां पर भगवान श्री कृष्ण मोहिनी का रूप ले लेते हैं और इरावन से ना केवल शादी बल्कि एक पत्नी की तरह उसे विदा करते हुए रोते भी है | श्री कृष्ण की यह लीला लोगों का दिल जीत लेने वाली है |
श्रीकृष्ण और मित्रविंदा का संबंध
दसवें नंबर की बात करें तो बुआ की बेटी से विवाह | आइए आपको बताते हैं मित्रविंदा के बारे में जो भगवान श्री कृष्ण की 8 पत्नियों में से एक थी|
दस्तूर यह होता है कि जब श्री कृष्ण वन विहार के दौरान अर्जुन के साथ उज्जयिनी गए, तो उस दिन वहां की राजकुमारी मित्रविंदा को स्वयंवर से वर लाए |
पौराणिक मान्यता के अनुसार मित्रविन्दा उनकी बुआ की बेटी थी, और भगवान श्रीकृष्ण को चाहने लगी थी।
धृतराष्ट्र, पांडू और विदुर
ग्यारहवे नंबर का संबंध है धृतराष्ट्र पांडू और विदुर के बारे में | भीष्म की प्रतिज्ञा के बाद सत्यवती को शांतनु से 2 पुत्र मिले |
पहले पुत्र चित्रांगद रोगवश मारा गया और दूसरा पुत्र विचित्रवीर्य को कोई संतान नहीं हुई, तो सत्यवती और पराशर मुनि से उत्पन्न वेदव्यास जी के कारण विचित्रवीर्य की पत्नी अम्बिका के गर्भ से धृतराष्ट्र जन्मे और अंबालिका के गर्भ से पांडु का जन्म हुआ |
और इसी वक्त के दौरान एक दासी से वेदव्यास के पुत्र विदुर का जन्म हुआ और यह संबंध और विचित्र बन गया |