हिन्दू धर्म के अनुसार क्या है भोजन के नियम?: हिंदू धर्म शास्त्रों में भोजन करने के नियमों को स्वस्थ और सुखी जीवन जीने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है। शास्त्रों में भोजन करने के समय, दिशा, स्थान जैसी अनेक बातों के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, परंतु आजकल हम में से बहुत से लोग भोजन करने के नियमों को नहीं मानते हैं। तेज़ भूल लगने पर अधिकतर लोग जहां भी जैसा भी भोजन मिले उसे ही ग्रहण करने के लिए बैठ जाते हैं।
आज हम कुछ ऐसे नियमों के बारे में जानेंगे जो भोजन करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताए गए हैं।
हिन्दू धर्म के अनुसार क्या है भोजन के नियम?
सात्विक और शुद्ध भोजन
शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार भोजन हमेशा सात्विक और शुद्ध होना चाहिए। कहा जाता है भोजन शुद्ध होना चाहिए, उससे भी शुद्ध होना चाहिए जल और सबसे शुद्ध होनी चाहिए वायु।
स्वछता से भोजन ग्रहण करे
भोजन करने से पहले अपने दोनो हाथों, दोनों पैर और मुंह को पूरी तरह स्वच्छ कर लेना चाहिए। इन पांचों अंगों को पूरी तरह साफ करके ही भोजन करने बैठना चाहिए।
भोजन करने से पहले भगवान का नाम
जैसे ही हम खाना खाने बैठते हैं हमें सबसे पहले ईश्वर का ध्यान करना चाहिए और उन्हें शुद्ध भोजन और सुख प्रदान करने के लिए धन्यवाद देना चाहिए। इसके साथ-साथ हमें ऐसी भी प्रार्थना करनी चाहिए कि इस संसार के समस्त भूखों को भोजन प्राप्त हो।
भोजन किस स्थान पर करना चाहिए?
अगर हम स्थान की बात करें तो भोजन तो रसोई घर में ही पकाया जाता है लेकिन हमें रसोईघर में बैठकर ही भोजन ग्रहण करना चाहिए। इसके साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि आपका पूरा परिवार एक साथ बैठकर ही भोजन करें क्योंकि परिवार के सभी सदस्य अगर अलग-अलग बैठकर भोजन करते हैं तो परिवार में प्रेम और एकता कायम नहीं हो पाती है।
भोजन किस समय करना चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार सुबह और शाम के समय ही भोजन करने का विधान है क्योंकि हमारी पाचन क्रिया की जठराग्नि सूर्य उदय से 2 घंटे बाद तक और सूर्यास्त के ढाई घंटे पहले तक प्रबल रहती है।
भोजन हमे किस दिशा में बैठकर करना चाहिए?
दिशा की बात की जाए तो भोजन हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुंह करके ही करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि दक्षिण की ओर मुंह करके किया हुआ भोजन प्रेत को प्राप्त होता है और पश्चिम दिशा की ओर किए गए भोजन से रोगों में वृद्धि होती है।
भोजन करते समय मौन रहे
हमारे बड़े बुजुर्ग हमेशा कहते हैं कि भोजन करते समय हमेशा मौन रहना चाहिए यदि बोलना भी पड़े तो केवल सकारात्मक बातें ही करनी चाहिएं। किसी भी तरह के नकारात्मक विचार अपने मन में ना लाएं और समस्याओं पर चर्चा ना करें। भोजन को खुशहाली से और अच्छे से चबा-चबा कर ही खाएं।
भोजन पकाते समय स्वच्छता का ध्यान रखे
भोजन पकाते समय स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना चाहिए और एक-दूसरे का जूठा भोजन कभी नही करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हमें रोग लगने का खतरा रहता है। इसके साथ-साथ जूठे भोजन से भाग्य भी प्रभावित होता है।
कौनसा भोजन नहीं करना चाहिए?
ऐसा भी माना जाता है कि 3 पहर यानी 9 घंटे से पुराना भोजन नहीं करना चाहिए। यदि भोजन बचा हुआ हो तो उसे पशुओं को दे देना चाहिए।
भोजन को किस हाथ से करना चाहिए?
हिन्दू धर्म में मान्यता है कि दाएं हाथ में सकारात्मक ऊर्जा होती है, इसलिए खाना और अन्य शुभ कार्य दाएं हाथ से ही करने चाहिए। ऐसा भी माना जाता है कि दाएं हाथ में सूर्य नाड़ी का प्रतिनिधित्व होता है इसलिए दाएं हाथ से खाना खाने से भोजन जल्दी पचता है, और शरीर को पूरा पोषण व ऊर्जा मिलती है।
हाथ से खाना खाने से हमारा पाचन ठीक रहता है, मानसिक जागरूकता बढ़ती है, साथ ही सभी इंद्रियां सक्रिय भी हो जाती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार हमारी उंगलिया पांच तत्वों (भूमि, अग्नि, वायु, आकाश, जल) के समान है। जब भी हम हाथ से भोजन करते हैं तो हमें भोजन अधिक स्वादिष्ट लगता है और खाने में आनंद भी आता है। इसके अलावा भी हाथ से खाने के कई फायदे हैं जैसे कि हमारी इम्यूनिटी अच्छी हो जाती है, शरीर में ब्लड सरकुलेशन बढ़ने लगता है, साथ ही ओवर ईटिंग की आदत भी छूट जाती है।
भोजन के बाद क्या नहीं करना चाहिए?
चिकित्सीय उपचार के हिसाब से कुछ ऐसी बातें हैं जिनका ध्यान हमें विशेष तौर पर रखना चाहिए जैसे: भोजन के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। साथ ही घुड़सवारी, दौड़ना, बैठना, शौच आदि जैसी चीजें भी भोजन के एकदम बाद नहीं करनी चाहिए।
भोजन को जल्दी पचने के लिए क्या करे?
भोजन के बाद थोड़ा टहलना भी चाहिए, रात का भोजन करने के बाद कम से कम हज़ार कदम चलना चाहिए। भोजन अच्छे से पच जाए उसके लिए योग में वज्रासन में बैठना बताया जाता है, यह आसन पाचन के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
भोजन करने के 1 घंटे बाद मीठा दूध या फिर फल खाने से भी भोजन की पाचन प्रक्रिया में मदद मिलती है।
आज के लिए इतना ही, आशा करता हूँ आपको हमारी आज की यह प्रस्तुति पसंद आई होगी | नमस्कार।