अयोध्या राम मंदिर का घंटा क्यों है इतना ख़ास?: मित्रो अयोध्या मे बनकर तैयार हुआ भगवान् श्री राम का भव्य मंदिर हमारे लिए गौरव की बात है| इस मंदिर को बनाने के लिए जिस भी वस्तु का उपयोग किया गया है, वह अपने आप मे ही अलग है| इस मंदिर को विदेशो मे बने हिन्दू मंदिरों से भव्य और सुन्दर बनाया गया है|
इस मंदिर के निर्माण मे जिस पत्थर का उपयोग किया गया है वह राज्यस्थान का मशहूर मकराना पत्थर है, जिसकी पूरी दुनिया मे काफी डिमांड है| आगरा का ताजमहल ,प्रसिद्ध बिरला मंदिर और क्वीन विक्टोरिया के महल को बनाने के लिए इस पत्थर का उपयोग किया गया है|
इसी तरह मंदिर मे लगने वाली हर एक वस्तु चाहे वह घडी हो या फिर घंटा सब अपने मे ख़ास है| आज हम आपको उसी घंटे के बारे मे बताने जा रहे है, जो अयोध्या के राम मंदिर मे लगने वाला है|
अयोध्या राम मंदिर का घंटा क्यों है इतना ख़ास?
अयोध्या मे भगवान् श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह मंदिर आम जनता के लिए खोल दिया गया है| जब से प्रभु श्री राम के भक्तो को इस मंदिर के निर्माण की जानकारी मिली थी, तब से भगवान् श्री राम के भक्त अपने अराध्य के चरणों मे कुछ न कुछ वस्तु को भेट करने के लिए उनका निर्माण कर रहे थे|
जैसा कि हमने पिछले पोस्ट मे आपको बताया था कि राम मंदिर की आरती और हवन के लिए 600 किलो शुद्ध देशी घी जोधपुर के महर्षि संदीपनी आश्रम से भगवान् राम को भेट किया गया है, जिसका उपयोग अखण्ड आरती और होने वाले हवन मे किया जायेगा|
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राम मंदिर का घंटा कितना बड़ा और कितने किलो का है?
इसी तरह राम मंदिर मे लगने वाले घंटे की भी अपनी अलग ही कहानी है| भगवान् राम के मंदिर मे लगने वाले इस घंटे की ख़ास बात यह है कि दुनिया के किसी भी मंदिर मे लगने वाले घंटो मे सबसे बड़ा घंटा है| इसकी उचाई 6 फीट और चौडाई 5 फीट है, इस घंटे का वजन 2100 किलो या उससे भी ज्यादा है|
इस घंटे को जेसलमेर मे बनाकर तैयार किया गया है, 40 से 50 कारीगरों की मदद से इस घंटे का निर्माण किया गया है| इसकी कीमत 10 लाख के करीब बताई जा रही है, इसकी लागत का सही अनुमान लगाना मुश्किल है| राम मंदिर मे लगने वाले घंटे की ख़ास बात यह है कि इसे एक ही साचे मे तैयार किया गया है|
इस घंटे मे किसी भी तरह का कोई जॉइंट नही है,जबकि कोई भी बड़ा और भारी घंटा बनाया जाता है उसे दो भागो मे बनाकर बीच से जोड़ा जाता है, लेकिन भगवान् राम के इस घंटे मे कोई भी जोड़ नही है| इस घंटे को अष्टधातु से बनाया गया है, इसके निर्माण के लिए दिल्ली से कारीगरों को लाया गया है जिनका नाम इकबाल,और शमशुद्दीन है|
घंटे निर्माण करने वाली फर्म के मालिक विकास मित्तल ने बताया कि भगवान् राम के मंदिर मे लगने वाले इस घंटे के निर्माण मे लगभग तीन महीने का समय लगा है| जैसलमेर मे इस घंटे को बनाने का कारण बताते हुए कहा कि जैसलमेर की मिटटी मे भगवान् की कृपा है, यहाँ की मिट्टी से बनने वाले घंटे मे ॐ की ध्वनि सुनाई देती है|
भगवान् श्री राम के मंदिर मे लगने वाली हर एक वस्तु अपने आप मे अनोखी और अद्भुत है|
भगवान् राम के मंदिर को लेकर सभी के मन मे उत्साह की लहर उमड़ रही है, सभी भक्त अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार भगवान् श्री राम के मंदिर के लिए कोई न कोई वस्तु भेट कर रहे है| लाखो की संख्या मे भक्त अपने घर से अयोध्या के लिए रवाना हो चुके है और भगवान् श्री राम के दर्शन करके अपने घर को वापस जाएंगे|
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