आखिर क्या है श्री राम और श्री कृष्ण दोनों का दीपावली से नाता?: दीपावली के त्योहार को दीप-पर्व अर्थात दीपों का त्योहार कहा जाता है।
आज हम आपको दीपावली से जुड़ी कुछ विशेष बातें बताएंगे।
आखिर क्या है श्री राम और श्री कृष्ण दोनों का दीपावली से नाता?
यह तो हम सब जानते ही हैं कि जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, तब उनकी प्रजा ने पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजा दिया और हर्ष उल्लास से उनका स्वागत किया था। तभी से दीपावली का त्योहार मनाया जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि दीपावली से जुड़ी एक और कथा है? इस कथा के अनुसार जब श्री कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके सभी को उस दुष्ट राक्षस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई तो द्वारिका की प्रजा ने दीप जलाकर भगवान श्री कृष्ण का स्वागत किया और धन्यवाद दिया।
दीपावली में दीपो का महत्त्व
कथा चाहे कोई भी ही, यह बात तो सच है कि दीप प्रज्वलित करना खुशी और आनंद का प्रतीक होता है।
एक छोटा सा दीपक स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है इसलिए भारतीय संस्कृति में दीपक को सत्य और ज्ञान का द्योतक माना जाता है।
दीपदान का महत्व
इस दिन पर दीपदान का भी विशेष महत्व है क्योंकि जहां सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच सकता वहां दीपक का प्रकाश पहुंचता है। माना जाता है कि ‘दीपदान’ से शारीरिक एवं आध्यात्मिक शक्ति भी प्राप्त होती है।
ऐसा माना जाता है कि दीपावली का पर्व उतना ही शुद्ध होता है जितना की गंगाजल। इस दिन भगवान श्री गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और इस पर्व को शक्ति का महापर्व भी कहा जाता है।
दीपावली के दिन क्या नहीं करनी चाहिए?
परंतु इस दिन कुछ कार्य ऐसे होते हैं जिन्हें करने की सख्त मनाई है। यदि दीपावली के दिन आप कुछ विशेष वस्तुएं दान करते हैं तो आपके परिवार से खुशियां जा सकती हैं, व्यवसाय में घाटा हो सकता है, नौकरी जा सकती है और परिवार में कंगाली आ सकती है। ना केवल दान बल्कि आपको इन वस्तुओं को किसी को उधार भी नहीं देना चाहिए।
काले या फटे कपड़े दान में ना दे
आपको दीपावली के दिन भूलकर भी काले या फटे कपड़े दान में नहीं देने चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो दुर्भाग्य का सामना करना पड़ सकता है।
अपनी झाड़ू किसी और को ना दें
यह तो हम सब जानते हैं कि धनतेरस के दिन हमें झाड़ू खरीदनी चाहिए लेकिन कभी भी अपनी झाड़ू साफ-सफाई करने के लिए किसी और को न दें। ऐसा माना जाता है कि झाड़ू का सिर्फ गुप्त दान ही करना चाहिए। इसके लिए किसी मंदिर में या किसी चौराहे पर गुप्त दान किया जा सकता है।
लेकिन आप अपने घर की झाड़ू किसी दूसरे को बिल्कुल भी ना दें क्योंकि झाड़ू को मां लक्ष्मी जी का प्रतीक माना जाता है। यदि हम अपने घर की झाड़ू किसी को प्रयोग करने के लिए देते हैं तो हमारे घर की लक्ष्मी दूसरे के घर में चली जाती है।
घर का धनिया किसी को न दें
सफाई करते समय एक बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि घर का धनिया भूल से भी किसी को न दें और न ही फेंके। जिस घर में धनतेरस और दीपावली के दिन धनिया बोया जाता है उस घर में मां लक्ष्मी जी अपने दोनों हाथों से धन की वर्षा करती हैं।
त्योहार के समय कोई भी शुभ वस्तु जो कि घर की सुख समृद्धि से जुड़ी हुई है, ऐसी वस्तु घर के बाहर नहीं देनी चाहिए।
उधार ना तो किसी को दे ना ही ले
दीपावली और धनतेरस के दिन विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप किसी भी प्रकार का कोई भी उधार ना तो किसी को दे ना ही ले। खासकर घर की रसोई में रखी हल्दी, चावल और नमक तो किसी को नही देनी चाहिए। यह सभी वस्तुएं सुख-सुविधा का प्रतीक मानी जाती हैं, ऐसे में आप कभी भी किसी को यह उधार के रूप में न दें और ना ही किसी से मांगे।
इसके साथ-साथ दूध, दही और कच्चे चावल सूर्यास्त के बाद अगर कोई आप से मांगने आता है तो वे भी आपको नहीं देनी चाहिए।
घड़ी को उपहार स्वरूप नही दे
साथ ही घर में लगाने वाली घड़ी या फिर पहनने वाली घड़ी भी धनतेरस या दीपावली के दिन किसी को उपहार स्वरूप नही देनी चाहिए। इसके पीछे यह कारण है कि हमारा अच्छा-बुरा समय हमारी घड़ी से जुड़ा होता है। ऐसे में कोई भी यह नहीं चाहेगा कि उनका अच्छा समय उनके पास से चला जाए।
गणेश जी और मां लक्ष्मी जी की मूर्ति किसी को उपहार में ना दे
दीपावली के दिन भगवान श्री गणेश और मां लक्ष्मी जी की कैसी भी मूर्ति आपको किसी को उपहार में नही देनी चाहिए। ऐसा करने से घर में धन की कमी हो सकती है और सुख-समृद्धि भी जा सकती है।
किसी को बासी भोजन न दें
यदि दीपावली पर आपसे कोई भोजन मांगने आता है तो किसी को भी बासी भोजन न दें, चाहे वह कोई व्यक्ति हो या फिर पशु-पक्षी। बासी भोजन देने से आपके घर की शुद्धता चली जाती है इसलाए हमेशा ताजा भोजन दें।
सनातन धर्म में हर शुभ अवसर पर दान पुण्य करने का प्रावधान है परंतु दीपावली के दिन आपको बस इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना है। इससे आपके घर पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद और सदैव सुख-समृद्धि बनी रहेगी। आप बस मां लक्ष्मी जी का स्वागत सच्चे मन से करें और अपने सामर्थ के अनुसार अपने घर में साफ-सफाई रख कर, एक दीपक जरूर जलाएं।
आज के लिए इतना ही, आशा करता हूँ आपको हमारी आज की यह प्रस्तुति पसंद आई होगी| नमस्कार।