धनतेरस की कथा: जैसा कि हम सब जानते हैं कि धनतेरस के आगमन से दीपावली की शुरुआत हो जाती है। धनतेरस इस 5 दिन के त्यौहार का पहला दिन होता है। परंतु क्या आप यह जानते हैं कि धनतेरस मनाने के पीछे क्या मान्यता है? इस दिन हमें क्या करना चाहिए और किन वस्तुओं को खरीदना चाहिए?
आज हम आपको धनतेरस से जुड़ी बहुत-सी जानकारियां देने वाले हैं।
धनतेरस की कथा
धनतेरस सनातन धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, लेकिन हम में से बहुत से लोग धनतेरस की महत्वता को नहीं समझते हैं और इससे जुड़ी कहानी भी नहीं जानते हैं।
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का दिन धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन समुद्र मंथन के समय हाथों में अमृत कलश लिए भगवान विष्णु जी धन्वंतरी के रूप में प्रकट हुए थे। इस विषय में विस्तार से कई पुराणों में भी लिखा गया है।
श्रीमद भागवत पुराण के अनुसार भगवान धन्वंतरी स्वयं महान पुरुष हैं और साक्षात् नारायण के अंश स्वरूप है। पूर्व काल में जब समुद्र का मंथन हो रहा था उस समय महासागर से उनका प्रादुर्भाव हुआ, इसीलिए भगवान विष्णु के धन्वंतरी रूप में प्रकट होने पर यह धनतेरस का पावन दिवस मनाया जाता है।
भगवान धन्वंतरी आयुर्वेद के जनक और वैद्य के रूप में जाने जाते हैं। यहां एक बात जाननी जरूरी है कि आयुर्वेद से यहां यह तात्पर्य नहीं है कि भगवान धन्वंतरी जी ने आयुर्वेद के नियमों को बनाया था परंतु उन्होंने तो आयुर्वेद को प्रकट किया था।
धनतेरस के दिन क्या ख़रीदे?
चलिए अब जानते हैं कुछ ऐसी प्रथाओं के बारे में जो धनतेरस पर करनी चाहिएं। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य और अच्छी सेहत का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
हम आपको जिन वस्तुएं के बारे में बताने जा रहे हैं आप वे सभी धनतेरस के दिन अपने सामर्थ्य के हिसाब से खरीद सकते हैं।
धनतेरस के दिन सोना-चांदी या बर्तन का खरीदना
धनत्रयोदशी को भगवान धन्वंतरि हाथ में कलश लेकर प्रकट हुए थे इसीलिए इस दिन लोग बर्तन आदि खरीदते हैं। धनतेरस के दिन कोई भी नया काम शुरू किया जा सकता है और इस दिन सोने-चांदी के आभूषण, नए बर्तन आदि खरीदे जाते हैं।
धनतेरस के दिन नई झाड़ू का खरीदना
धनतेरस के दिन नई झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है । झाड़ू का सही इस्तेमाल हमारे जीवन में धन की प्राप्ति ला सकता है। बहुत से लोगों की यह धारणा होती है कि झाड़ू लक्ष्मी जी का स्वरूप होती है परंतु ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आपको बता दें कि झाड़ू लक्ष्मी जी को अपनी तरफ आकर्षित करने का एक यंत्र है। जहां स्वच्छता होती है वहां लक्ष्मी जी का वास होता है।
जब आप धनतेरस वाले दिन नई झाड़ू खरीद कर उसी झाड़ू से अपने घर की साफ सफाई करते हैं तो यह नकारात्मकता को घर से बाहर कर देती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। अगर आप का सामर्थ्य हो तो धनतेरस के दिन एक झाड़ू का गुप्त दान भी करना चाहिए।
धनतेरस के दिन साबुत धनिया खरीदना
साबुत धनिया एक ऐसी वस्तु है जो हर कोई ला सकता है। धनिया लाने के बाद उसे अपने घर के किसी गमले या क्यारी में डाल देना चाहिए। ऐसा करने से आपके घर में बरकत होती है और अनावश्यक खर्चों पर भी रोक लग जाती है।
धनतेरस के दिन नमक खरीदना
इस दिन नमक खरीदना भी शुभ माना जाता है यदि आप डली वाला नमक लाते हैं तो और भी अच्छी बात है वरना सेंधा नमक भी ला सकते हैं।
धनतेरस के दिन से शुरुआत करते हुए भाई दूज तक आप इसी नमक का प्रयोग करें और इन 5 दिनों में आपको इसी नमक से पोचा भी लगाना चाहिए। ऐसा करने से दरिद्रता दूर हो जाती है साथ ही नकारात्मक ऊर्जा भी दूर हो जाती है।
धनतेरस के दिन गोमती चक्र का खरीदना
अगली वस्तु है गोमती चक्र, ऐसा माना जाता है कि जिस घर में गोमती चक्र होता है वहां सुख, सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है। गोमती चक्र घर पर रखने से वास्तु दोष भी दूर हो जाता है और अगर घर के किसी भी सदस्य में आत्मविश्वास की कमी हो तो धनतेरस के दिन गोमती चक्र लाकर उनके हाथ से पूजा करवा कर इस गोमती चक्र को अपने मंदिर में रख देना चाहिए।
ऐसा करने से जो भी संबंधित परेशानी है वह दूर हो जाती है।
धनतेरस के दिन सात मुखी रुद्राक्ष को घर लाना
अगली वस्तु है सात मुखी रुद्राक्ष। अगर आप धनतेरस के दिन 7 मुखी रुद्राक्ष को घर पर लाते हैं और फिर इसकी विधि-विधान से पूजा करते हैं या फिर भगवान शिव की पूजा करते समय आप इस रुद्राक्ष का प्रयोग करते हैं तो इससे आपके घर में कभी भी परेशानी नहीं आएगी और अकाल मृत्यु का भय भी नहीं रहेगा।
दीपावली दीपों का त्यौहार होता है और इस दिन आपको अपने घर में सामर्थ्य के अनुसार दीपक जलाने चाहिए। केवल दीपावली पर ही नहीं परंतु धनतेरस के दिन भी दीप जलाने चाहिए।
यदि आप धनतेरस के दिन कुछ वस्तुएं खरीदते हैं तो मां लक्ष्मी का आशीर्वाद आप पर सदैव बना रहता है।