श्री कृष्ण ने पांडवो को कौन से कलयुग के 5 सत्य बताएं: ऐसे कौन से कलयुग के 5 सत्य है जिनका वर्णन भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत काल में ही कर दिया था और वो सभी सत्य प्रत्यक्ष रूप से आज के समय में सिद्ध हो रहे है |
आज हम आपको महाभारत से जुडी इस अनसुनी कथा के बारे में बताएँगे |
चारो प्रकार के युगो में कलयुग सबसे श्रापित युग माना जाता है, जहाँ मनुष्य कर्म और धर्म से हीन है |
पांडवो के मन में कलयुग के बारे में जानने की जिज्ञासा
ये कथा महाभारत काल की है जब पांडवो के मन में कलयुग के बारे में जानने की जिज्ञासा उत्पन हो रही थी |
उन्होंने भगवान श्री कृष्ण से प्रश्न किया कि प्रभु द्वापर युग समाप्ति की ओर अग्रसर है तो हमारे मन में आने वाले युग कलयुग को जानने की प्रबल जिज्ञासा उत्पन्न हो रही है, कृपया करके हमे कलयुग के बारे में विस्तार से बताएं |
श्री कृष्ण की आज्ञा पाकर पांडवो का जंगल में अलग-अलग दिशाओ में जाना
पांडवो का यह प्रश्न सुनने के बाद, भगवान श्री कृष्ण ने पांडवो की ओर मुस्कराते हुए देखा और कहने लगे कि इस प्रश्न का उत्तर तो मैं तुम्हे अवश्य दूंगा किन्तु उससे पहले तुम पांचो भाइयो को जंगल में अलग-अलग दिशाओ में जाना होगा और जो भी तुम्हे सबसे पहले दिखे, उसे मुझे आकर विस्तार से बताना होगा |
पांडव भगवान श्री कृष्ण से आज्ञा लेकर जंगल में अलग-अलग दिशाओ में चले गए |
श्री कृष्ण ने पांडवो को कौन से कलयुग के 5 सत्य बताएं
कुछ समय पश्चात् पांडव जंगल से वापस आ गए, उन्हें चेहरों पर प्रश्न चिन्ह साफ़ दिखाई पढ़ रहे थे |
उनके चेहरे देखने के बाद श्री कृष्ण ने कहा अब मैं तुम्हे कलयुग के 5 सत्य बताऊंगा, उससे पहले तुम मुझे जो जो देख कर आए हो वह सब विस्तार से बताओ |
श्री कृष्ण ने दिया युधिष्ठिर के प्रश्न का उत्तर
सबसे पहले युधिष्ठिर जी बोले प्रभु मैंने पहली बार जंगल में दो सूंड वाला हाथी देखा जिसे देखने के बाद मैं आश्चर्यचकित हो गया हूँ, कृपया मुझे इस विचित्र हाथी के बारे में बताने का कष्ट करे |
भगवान वासुदेव बोले युधिष्टर कलयुग में ऐसे लोगो का बोल बाला होगा जो कि दोनों ओर से शोषण करेंगे |
जो बोलेंगे तो कुछ जबकि उनकी मंशा बिलकुल उसके विपरीत होगी |
ऐसे लोग जो सामने से तो आपके घनिष्ट मित्र की तरह बनके रहेंगे परन्तु मन में जहर ओर इर्षा भरी होगी, कलयुग में ऐसे ही लोगो का राज होगा |
अपने ही अपनों को बर्बाद करने में तुले रहेंगे |
श्री कृष्ण ने दिया अर्जुन के प्रश्न का उत्तर
युधिष्टर के प्रश्न का उत्तर देने के बाद श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि अब तुम मुझे बताओ, तुम्हे क्या दिखाई दिया?
अर्जुन ने बताया कि उन्होंने एक विचित्र पक्षी देखा जिसके पंखो पर वेद ऋचाये लिखी हुई थी किन्तु वो एक मुर्दे के मांस का सेवन कर रहा था, जिसे देख कर मैं आश्चर्यचकित रह गया |
अर्जुन की बात सुनने के बाद वासुदेव बोले हे अर्जुन कलयुग में ऐसे लोग होंगे जो कि लोगो कि नज़र में बहुत ज्ञानी और धार्मिक प्रतीत होंगे किन्तु वास्तव में उनके मन में सिर्फ कपट और लालच होगा, ऐसे लोग बस इसी ताक में रहेंगे कि कब कोई दम्पति मरे और हम उसकी सम्पति पे अपना हक़ जमा सके |
धर्म के नाम पर ऐसे लोगो कि दृष्टि केवल दुसरो के धन पर होगी |
वास्तविक में संत तो होंगे परन्तु उनकी मात्रा बहुत कम होगी |
श्री कृष्ण ने दिया भीम के प्रश्न का उत्तर
फिर भीम ने श्री कृष्ण से कहा हे वासुदेव मैंने जो देखा वह भी विश्वाश करने योग्य नहीं था, मैंने देखा कि एक गाय अपने बछड़े को स्नेह से इतना चाट रही थी कि वो लहू लुहान हो गया |
कृपया मेरे इस प्रश्न का उत्तर देकर मेरे मन की शंका को दूर करे |
श्री कृष्ण भीम के प्रश्न का उत्तर देते हुए बोले कि हे भीम कलयुग के लोग अपने बच्चो से इतना स्नेह करंगे कि उनका विकास पूरी तरह से रुक जायेगा | उनकी ममता के कारण उनकी संताने पारिवारिक बंधनो में बंधी रहेगी जिससे उनका भविष्य पूर्ण रूप से अंधकारमय हो जायेगा |
और कोई भी अपने बच्चो को भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा नहीं देगा, जिसके कारण वे मोह माया के जाल में पूरी तरह से फंसे रहेंगे |
श्री कृष्ण ने दिया नकुल के प्रश्न का उत्तर
भीम के प्रश्न का उत्तर सुनने के बाद नकुल भगवान श्री कृष्ण से बोले हे माधव मैंने देखा कि एक बहुत बड़ी शिला पहाड़ से नीचे की ओर बड़ी तेज़ी से आ रही थी |
उसके मार्ग में आने वाली बड़ी बड़ी शिलाये भी उसको रोक नहीं पायी, किन्तु एक छोटे से पौधे से टकराकर वह शिला रुक गई |
इस घटना को देख कर मैं पूरी तरह से अचम्भित हो गया |
कृपया मुझे भी इस बात का उत्तर दीजिये कि कैसे जिस शिला को बड़ी बड़ी शिलाये नहीं रोक पायी उसे एक छोटे से पौधे ने रोक दिया ?
भगवान केशव नकुल को जवाब देते हुए बोले हे नकुल कलयुग में जब मनुष्य अपने पतन की तरफ अग्रसर होगा तब उसके पतन को उसके द्वारा इकठा किया हुआ धन या बड़े से बड़े सत्ता रूपी वृक्ष नहीं रोक पाएंगे, किन्तु हरी नाम से उत्पन्न हुआ छोटा सा पौधा ही उसके पतन से उसका उद्धार करेगा |
इसलिए कलयुग में मनुष्य के लिए पतन से बचने का सिर्फ एक ही उपाए है हरी नाम कीर्तन |
श्री कृष्ण ने दिया सहदेव के प्रश्न का उत्तर
इसके पश्चात् सहदेव ने प्रश्न किया कि हे वासुदेव मैंने जंगल में एक स्थान पर बहुत सारे कुँए देखे जो कि जल से भरे हुए थे, किन्तु उनके मध्य में एक कुआँ था जो कि सबसे गहरा और सूखा हुआ था | प्रभु ये कैसे संभव हो सकता है कि जल से भरे हुए कुओं के मध्य में एक खाली कुआँ हो ?
भगवान कृष्ण बोले हे सहदेव कलयुग में मनुष्य धन से जितना भी परिपूर्ण क्यों न हो, फिर भी वह किसी जरूरतमंद की मदद नहीं करेगा | वह अपने छोटे छोटे आयोजनों में तो, दिखावा करने के लिए जरुरत से ज्यादा धन बर्बाद कर देगा किन्तु अपने आस पास रहने वाले जरूरतमंद की सहायता करने में उसकी कोई रूचि नहीं होगी |
धनवान व्यक्ति गरीब व्यक्तियों का उपहास तो करेंगे कित्नु उसकी मदद कभी नहीं करेंगे, चाहे वो उनके सगे सम्बन्धी ही क्यों न हो |
कलियुग में कही तो अन्न ज्यादा होने की वजह से सड़ रहा होगा और कही मनुष्य भूख से मर रहे होंगे |
इसलिए सहदेव तुम्हे जल से भरे हुए कुँए यानि धनवान लोगो के बीच में सूखा हुआ कुआँ यानि जरुरतमंद गरीब दिखाई दिया और सहदेव कलयुग में जो जरुरतमंद की सहायता करने में रूचि रखेगा उसके ऊपर परमात्मा का आशीर्वाद सदैव बना रहेगा और वह कलियुग के प्रभाव से भी बचा रहेगा |
यह वो कलयुग के 5 सत्य है जो भगवान श्री कृष्ण ने पांडवो को महाभारत काल में ही बता दिए थे, और ये आज के समय में पूर्ण रूप से सत्य सिद्ध हो रहे है |