घर के मंदिर में रखी यह चीज़े बना देती है कंगाल: कई बार आपके द्वारा की जा रही पूजा का फल आपको नहीं मिलता है। ऐसे में आप भी सोचते होंगे कि आप की पूजा में कोई कमी है या फिर किसी और कारण से आपकी पूजा सफल नहीं हो पा रही है।
आज हम जानेंगे कि कौन सी ऐसी वस्तुएं है जो आपको अपने मंदिर में भूलकर भी नहीं रखनी चाहिए।
घर के मंदिर में रखी यह चीज़े बना देती है कंगाल
दोस्तों आप पूजा पाठ तो करते ही होंगे। पूजा पाठ करने से आप का मनोबल ऊंचा रहता है और हर समय आपके साथ एक सकारात्मक ऊर्जा रहती है । ऐसा लगता है कि भगवान का आशीर्वाद सदैव आपके साथ है। जब भी कोई नया घर लेता है तब घर के एक हिस्से में भगवान के लिए स्थान जरूर बनाया जाता है।
घर के मंदिर में कौन-कौन सी वस्तुएँ नहीं रखनी चाहिए?
परंतु ज्योतिष शास्त्र और वास्तु के अनुसार ऐसी कई वस्तुएं होती है जिन्हें मंदिर में रखा जाए तो वे हमें दरिद्रता की ओर ले जाती हैं। ईश्वर की कृपा आप पर बनी रहे उसके लिए आप यह सुनिश्चित करें कि कहीं आपके घर के मंदिर में भी ये वस्तुएं तो नही रखीं।
घर के मंदिर में खंडित मूर्ति या फिर भगवान की टूटी–फूटी तस्वीर ना रखें
कभी भी अपने घर के मंदिर में खंडित मूर्ति या फिर भगवान की टूटी–फूटी तस्वीर ना रखें। ऐसा करना ईश्वर का अपमान माना जाता है और इससे अशुभ प्रभाव पड़ता है। जिन मंदिरों में अज्ञानतावश खंडित मूर्तियां रखी जाती हैं वहां नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और देवी देवता भी रिष्ठ हो सकते हैं।
पूजा करते समय एक और बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जिस दीपक में आप ज्योत जगाते हैं वह खंडित न हो। वह दीपक हमेशा नया नवेला और चमकता हुआ होना चाहिए और उसमे जो घी या तेल आप डालते हैं, वह झूठा या पहले से इस्तेमाल किया हुआ कभी नही होना चाहिए वरना इससे दोष लगता है।
अगर आपके घर में भी ईश्वर की कोई खंडित प्रतिमा या तस्वीर है तो उसे तुरंत जाकर तालाब, नदी या किसी नहर में प्रवाहित कर दीजिए।
भगवान की रौद्र रूप या फिर भयंकर दिखने वाली प्रतिमाए या चित्र नहीं रखने चाहिए
सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार कभी भी भगवान की रौद्र रूप वाली या फिर भयंकर दिखने वाली प्रतिमाए या चित्र नहीं रखने चाहिए। रूद्र रूप दर्शाता है कि देवी देवता स्वयं उस घर पर अपना क्रोध व्यक्त कर रहे हैं। हमेशा देवी देवताओं की सौम्य, मुस्कुराती हुई और आशीर्वाद देती हुई प्रतिमाएं, चित्र या मूर्तियां रखनी चाहिए।
देवी देवताओं की उग्र या रौद्र स्वरूप वाली तस्वीर या मूर्तियां रखने से जीवन में रुकावट और मुश्किलें आती हैं। इसके साथ-साथ एक और बात का अवश्य ध्यान रखें कि कोई भी मूर्ति शीशे की, कांसे की या कलाई धातु से ना बनी हो।
आज कल बहुत से लोग अपने घर में शीशे के शिवलिंग रख देते हैं, जो की बिल्कुल गलत है। अगर आप भगवान की कोई मूर्ति स्थापित कर रहे हैं तो वह स्वर्ण की, चांदी की, पीतल या तांबे की धातुओं से बनी होनी चाहिए। साथ ही मंदिर में कभी भी हनुमान जी की खड़ी हुई प्रतिमा न लगाएं। हमेशा हनुमान जी की बैठी हुई तस्वीर या प्रतिमा ही रखें।
घर के मंदिर में भगवान की एक से अधिक मूर्तियां ना रखें
किसी भी भगवान की एक से अधिक मूर्तियां ना रखें। खासकर भगवान गणेश की दो से ज़्यादा प्रतिमाएं तो पूरे घर में भी नहीं होनी चाहिए। अगर आप अपने घर में किसी भी भगवान की एक से अधिक प्रतिमा लगाते हैं तो शुभ-कामों में अर्चने आ सकती हैं और बनते-बनते कार्य अचानक बिगड़ सकते हैं।
मंदिर में पितरों की तस्वीर और एक से ज्यादा शंख न रखे
कई बार हम अपने मंदिर को इस तरह सजा लेते हैं कि अज्ञानता वश हम ऐसी भूल कर बैठते हैं जो हमें भारी पड़ सकती है। तो अपने मंदिर को सजाते समय कभी भी एक साथ 2 शंख न रखें। साथ ही पूजा घर में भूल कर भी अपने पितरों या पूर्वजों की तस्वीर ना लगाएं। अपने पूर्वजों को आदर सम्मान देना अच्छी बात है परंतु उनकी तस्वीर को भगवान के मंदिर में लगाना अच्छा नहीं माना जाता और यह आपके पितरों के लिए भी ठीक नहीं है।
मंदिर में जूत्ते-चप्पल न लेकर जाये
यह तो सब जानते ही होंगे की मंदिर में कभी भी जूते चप्पल नही ले जाने चाहिएं परंतु कई बार हम या हमारे घर के छोटे बच्चे भूल से ऐसा कर देते हैं। ऐसे में आपको इस बात पर गौर करना चाहिए और अगली बार से ऐसा न हो यह सुनिश्चित करना चाहिए क्योंकि पूजा घर में जूते चप्पल लेकर जाना दरिद्रता और गरीबी की ओर ले जाता है।
तो दोस्तों यह थी वे वस्तुएं जो अशुभता का प्रतीक होती हैं और जिनका मंदिर में होना हिंदू शास्त्रों के अनुसार बहुत बड़ा अपशकुन माना जाता है। अगर आप इन सलाहों को ध्यान में रखते हैं तो आप पर प्रभु की कृपा दृष्टि बनी रहेगी और घर में सुख शांति का वातावरण भी बना रहेगा ।
आज के लिए इतना ही, आशा करता हूँ आपको हमारी आज की यह प्रस्तुति पसंद आई होगी | नमस्कार।