मृत परिजन की फोटो लगाना सही या गलत? : यह तो हम सभी जानते है कि मृत्यु एक अटल सत्य है, जिसने भी इस पृथ्वी पर जन्म लिया है उसे एक ना एक दिन इस नश्वर शरीर को छोड़ कर जाना ही होगा | इस पृथ्वी पर ऐसा कोई घर नहीं है जहाँ किसी की मृत्यु ना हुई | जब कोई प्रियजन अपनी जीवन यात्रा को पूर्ण करने के पश्चात इस पृथ्वी को छोड़ कर चला जाता है तब उसे हम पितर या पूर्वज कहते है |
वह तो यह लोक छोड़ कर चले जाते है, किन्तु उनकी यादे सदैव हमारे मन में जीवित रहती है और उसी कारण हम उनकी तस्वीर को उनकी समृति के रूप में अपने घर में लगा लेते है | जिससे हमे एहसास होता है कि वह हमेशा हमारे साथ है और ऐसा भी माना जाता है कि ऐसे करने से उनका आशीर्वाद परिवार पर सदैव बना रहता है |
क्या आप जानते है कि यदि पूर्वजो की तस्वीर सही दिशा में ना रखी जाए तो, परिवार में सुख-शांति आने की जगह परिवार को कलेश का सामना करना पड़ सकता है |
हम कभी नहीं चाहेंगे कि हमारी छोटी सी भूल की वजह से हमारे पूर्वज हमसे रुष्ट हो और उनके रुष्ट होने के कारण घर में सुख शांति आने की जगह घर में कलेश उत्पन्न होने लगे |
मृत परिजन की फोटो लगाना सही या गलत?
पूर्वजो की तस्वीर लगाते समय न करें ये गलतियाँ
तो सबसे पहले हम बात करेंगे उन गलतियों की, जो जाने अनजाने में हम अपने पूर्वजो की तस्वीर लगाते हुए करते है |
1. पूर्वजो की तस्वीर को दीवार पर ना लटकायें
आम तौर पर हम अपने पूर्वजो की तस्वीर को दीवार पर लटका देते है, जबकि पूवजो की तस्वीर का लटकना और झूलना अच्छा नहीं माना जाता और वास्तु शास्त्र के अनुसार यह पूर्वजो का अपमान माना जाता है | जिसके परिणामस्वरूप आपको गृह कलेश के साथ साथ सुख शांति में भी कमी देखने को मिल सकती है |
2. पूर्वजो की तस्वीर घर के मध्य में ना लगाएं
पूर्वजो की तस्वीर को बड़ी आस्था के साथ लड़की का फ्रेम कराकर ऐसी जगह रखनी चाहिए, जाना आपके घर आने वाले अथिति की नज़र उन पर ना पड़े क्युकी मान्यताओं के अनुसार यदि बाहरी लोगो की नज़र आपके पूवजो की तस्वीर पर पड़ती है तो घर में नकारात्मक उर्जायें बढ़ने लगती है और आपकी समृद्धि में भी आपको इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है | इसलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मध्य में पूर्वजो की तस्वीर लगाना वर्जित माना गया है |
3. मंदिर में ना लगाएं पूर्वजो की तस्वीर
कुछ लोग अपने पूर्वजो को देवताओ के समान पूजनीय मान कर उनकी तस्वीर मंदिर में भगवान की प्रतिमा के साथ रख देते है | शास्त्रों के अनुसार ऐसा करना वर्जित है और इससे देवदोष लगता है, और इसके परिणामस्वरूप आपका कोई भी शुभ कार्य नहीं बन पाता |
हम ये नहीं कह रहे कि पूर्वज पूजनीय नहीं होते | वह भी देवताओ के समान आदरणीय और समर्थवान है, परन्तु शास्त्रों के अनुसार शुभ फल प्राप्ति हेतु देवताओ और पूर्वजो के स्थान अलग-अलग निर्धारित किए गए है |
4. पूर्वजो की एक से ज्यादा तस्वीर घर में ना लगाएं
एक ऐसी भूल जो हम अनजाने में करते है कि हम अपने पूर्वजो की एक से ज्यादा तस्वीर अलग-अलग जगाहों पर रख देते है, जिससे हमारे पूर्वज रुष्ट हो जाते है और हमारे घर में कलेश उत्पन्न होने लगता है |
5. पूर्वजो की तस्वीर के साथ जीवित व्यक्तियों की तस्वीर ना लगाएं
पूर्वजो की तस्वीर के साथ कभी भी जीवित व्यक्तियों की तस्वीर नहीं लगनी चाहिए, वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से जीवित व्यक्तियों की आयु में कमी होने के साथ-साथ, उन्हें मानसिक और शारीरिक समस्याओ का भी सामना करना पड़ सकता है |
6. शयनकक्ष और रसोईघर में ना लगाएं पूर्वजो की तस्वीर
वास्तु शास्त्र के अनुसार शयनकक्ष और रसोईघर में भी पूवर्जो की तस्वीर लगाना वर्जित माना गया है क्युकी ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगती है |
7. दक्षिण या पश्चिम दिशा में ना लगाएं पूर्वजो की तस्वीर
इसके अलावा पूर्वजो की तस्वीर को दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाना में अच्छा नहीं माना जाता, ऐसा करने से सम्पति की हानि होने की सम्भावनाये बढ़ने लगती है |
पूर्वजो का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कहाँ लगाएं उनकी तस्वीर?
अब हम बात करेंगे उन नियमों की, जिनके अनुसार पूर्वजो की तस्वीर लगाने से हमे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और हमारे घर में सब शुभ ही शुभ होता है |
वास्तुशास्त्र के अनुसार पूर्वजो की तस्वीर को उत्तर दिशा में लगाए, जिससे उनकी दृष्टि दक्षिण दिशा की तरफ ही रहे क्युकी दक्षिण दिशा को पितरो और यम की दिशा माना जाता है और ऐसा करने से आपका बहुत सारे संकटो के साथ-साथ अकाल मृत्यु से भी बचाव हो जाता है |
इसके साथ आप ईशान कोण या ऐसी दिशा में भी पूर्वजो की तस्वीर लगा सकते है जो दिषादोष से मुक्त हो |