राधा-कृष्ण का प्रेम ऐसा था जिसकी आज भी मिसाल दी जाती है। राधा-कृष्ण के अटूट प्रेम होने के बाद भी उनकी प्रेम कथा पूर्ण नहीं हो पाई, और तो और उन्हें बचपन में ही एक दूसरे बिछड़ना पड़ा था |
क्या आप जानते है कि उनके बिछड़ जाने के पीछे का कारण राधा रानी को मिला एक श्राप था?
आज हम आपको बताएँगे कि किसने और क्यों राधा माता को यह श्राप दिया था ?
राधा-कृष्ण का प्रेम अमर था फिर भी उनका मिलन नहीं हो पाया | आपको यह जान कर बहुत आश्चर्य होगा कि उनके मिलन ना होने के पीछे का कारण एक श्राप था और वो श्राप जो कि भगवान श्री कृष्ण के परम भक्त ने राधा रानी को दिया था |
श्रीदामा ने दिया राधा-कृष्ण को बिछड़ने का श्राप
ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार श्री कृष्ण गोलोक में राधा रानी के साथ रहते थे | एक दिन राधा रानी की अनुपस्थिति में श्री कृष्ण अपनी दूसरी पत्नी विरजा के साथ विहार कर रहे थे | यह देख राधा रानी की एक दासी ने उन्हें बताया कि श्री कृष्ण विरजा के साथ विहार कर रहे है |
यह सुन राधा रानी इर्षा से भर गयी और अपनी सखियों के संग श्री कृष्ण को देखने आ गयी |
श्री कृष्ण के कक्ष के द्वार पर भगवान के परमभक्त श्रीदामा पहरा दे रहे थे और उन्होंने राधा जी को कक्ष के अंदर जाने से रोक दिया | द्वार पे सखियों की आवाज सुन श्री कृष्ण अंतर्ध्यान हो गए और विरजा भी राधा रानी के डर से सहसा नदी के रूप में गोलोक के चारो ओर बहने लगी |
राधा रानी वहाँ से गुस्से में अपने कक्ष वापस लौट गयी | राधा रानी को दुखी जान भगवान श्री कृष्ण श्रीदामा के साथ उनके कक्ष में गए |
श्री कृष्ण को देख राधा जी क्रोध में बोली कि अब क्या क्यों आये हो? विरजा से तुम्हारा ज्यादा स्नेह है तो वही जाओ |
यह सुन श्री कृष्ण वहाँ से चले गए |
श्रीदामा भगवान के परमभक्त थे, राधा जी के मुख से भगवान के लिए ऐसे शब्द सुन, उन्हें अच्छा नहीं लगा ओर वो राधा रानी से बोले हे राधे अहंकार में आकर भगवान से ऐसे बात करना ठीक नहीं है | भगवान तो पुरे ब्रह्माण्ड के स्वामी है, उनके आगे तो किसी का कोई अस्तित्व ही नहीं है |
यह सुन राधा जी क्रोधित हो गई और बोली हे मुर्ख तूने अपने शब्दों से मेरी निंदा की है| मैं तुझे श्राप देती हूँ कि तेरा पृथ्वी पर जन्म राक्षस कुल में होगा, इस श्राप के कारण श्रीदामा ने शंखचूड़ नमक राक्षस के रूप में पृथ्वी पर जन्म लिया|
श्रीदामा ने भी राधा जी के अहंकार को देखते हुए उन्हें श्राप दिया कि तुम भी पृथ्वी पर जन्म लोगी और तुम्हे 100 वर्षो तक भगवान श्री कृष्ण का वियोग सहना पड़ेगा | श्रीदामा के इस श्राप के चलते ही 11 साल की उम्र में कृष्ण को वृन्दावन और राधा जी को छोड़कर मथुरा जाना पड़ा था |
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